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लेखनी कहानी -25-Nov-2021

अवकाश 


अवकाश का इंतज़ार भला किसे नहीं होता? विद्यार्थी,नौकरीपेशा व्यक्ति या मजदूर सभी को अवकाश राहत प्रदान करने वाला होता है। विद्यार्थियों को स्कूल की आख़िरी बेला की घंटी बहुत सुकून प्रदान करती है। अवकाश के बाद वें अपने भाई बहनों या मित्रों के साथ बात करते हुए घर जाते हैं। वें अपने पसंदीदा टेलीविजन शो या कार्टून, घर की बातें भी साझा करते हैं। आज उनका स्कूल में दिन कैसा रहा, गृह कार्य न करने पर टीचर ने क्या सजा दी इत्यादि बातें भी साझा करते हैं। स्कूल से घर जाने में दोगुना समय लग जाता है। जब शुक्रवार को मिलने वाला गृह कार्य शनिवार को अध्यापक न निरीक्षण करने वाले हो तो वो गृहकार्य तो रविवार को ही किया जाता है। शनिवार तो रविवार के इंतजार में ही व्यतीत होता है। विद्यार्थी सोचते हैं रविवार को बहुत मस्ती करेंगे और खूब पढ़ाई भी करेंगे लेकिन आधा दिन तो उठने, नहाने, खाने इत्यादि में निकल जाता है, मस्ती और पढ़ाई तो हो ही नहीं पाती। हां, जो विद्यार्थी रविवार को अच्छे से मस्ती और पढ़ाई करते हैं, वे कक्षा में अव्वल आते हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश में बच्चे अपने कजिन से मिलने उनके घर जाते हैं; फिर मॉल, रेस्तरां और थिएटर घूमते हैं। कई बच्चे ग्रीष्मकालीन अवकाश का उचित उपयोग नहीं कर पाते। इस अवकाश में बच्चों को नदियों, पहाड़ों, डेल्टा, ऐतिहासिक इमारतों वाली जगहों पर ले जाना चाहिए। उनकी जिस कला में रुचि हो; जैसे संगीत, नाच, खेल इत्यादि, उसमें प्रशिक्षण देना चाहिए। बड़े बच्चों को अपने से निम्न स्तर के गरीब विद्यार्थियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देना चाहिए। इस तरह बच्चों के लिए ग्रीष्म कालीन अवकाश बेहद महत्वपूर्ण है। ये अवकाश केवल स्कूली विद्यार्थियों तक ही सीमित रह गया है। स्कूल न जाने वालों बच्चों को मजदूरी करनी पड़ती है और मजदूरों के लिए कितनी भी गर्मी या सर्दी क्यों न हो,अवकाश नहीं मिलता। यदि अवकाश मिलता भी है तो उसके लिए उन्हें आर्थिक हानि स्वीकार करनी पड़ती है। अवकाश का दिन लोग अपने शहर से बाहर घुमने जाते हैं। वहीं उच्च शिक्षा के लिए शहर से बाहर गए विद्यार्थी घर आने के लिए कई दिनों के अवकाश का इंतजार करते हैं।

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9 Comments

Barsha🖤👑

10-Dec-2021 09:34 PM

Nice

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Chirag chirag

09-Dec-2021 05:15 PM

Nice

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